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पुर

विक्षनरी से

रूप

  • पुरम्
    • पूर
      • पूरी
      • पूरा

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

पुर ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] [स्त्री॰ पुरी]

१. वह बड़ी बस्ती जहाँ कई ग्रामों या बस्तियों के लोगों को व्यवहार आदि के लिये आना पड़ता हो । नगर । शहर । कसबा ।

२. आगार । घर । यौ॰—अंतःपुर । नारीपुर ।

३. गृहोपरि गृह । घर के ऊपर का घर । कोठा । अटारी ।

४. लोक । भुवन ।

५. नक्षत्र । पुज । राशि ।

६. देह । शरीर ।

७. मोथा ।

८. चर्म । चमड़ा ।

९. पीली कटसरैया ।

१०. गुग्गुल नामक गंधद्रव्य ।

११. दुर्ग । किला । गढ़ ।

१२. चोंगा ।

१३. पाटलिपुत्र का एक नाम (को॰) ।

१४. स्त्रियों का निवास । अंतःपुर । जनानखाना (को॰) ।

१५. कोषागार । भंडारघर (को॰) ।

१६. गणिकागृह । वेश्यालय (को॰) ।

१७. पुष्पगर्भ । पुष्प कोश (को॰) ।

पुर ^२ वि॰ [सं॰ तुल॰ फा॰ पुर] पूर्ण । भरा हुआ ।

पुर ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ पुर ( = चमड़ा), या देश॰] कुएँ से पानी निकालने का चमड़े का डोल । चरसा ।

पुर पु ^४ अव्य॰ [सं॰ पुरस्] आगे । समक्ष । सामने । उ॰—राम कह्यो जो कछू दुख तेरे । श्वान निशंक कहो पुर मेरे ।—राम चं॰, पृ॰ २६६ ।