पुरुकुत्स

विक्षनरी से

मांधाता के तीन पुत्रों में से सबसे बड़ा पुत्र पुरुकुत्स था। जब नागवंश के शासक वृषनाग पर आक्रमण हुआ तो , वृषनाग ने मांधता से मदद मांगी । जिससे मांधाता से अपने बड़े पुत्र पुरुकुत्स को युद्ध लड़ने के लिए भेजा था । जब पुरुकुत्स ने युद्ध जीत लिया तो वृषनाग ने खुश होकर अपनी पुत्री रेवा से विवाह विवाह करा दिया था । तथा पुरुकुत्स ने रेवा का नाम बदल कर नर्मदा किया था ।

हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पुरुकुत्स संज्ञा पुं॰ [सं॰] एक राजा जो मांधाता का पुत्र और मुचुकुंद का भाई था और नर्मदा नदी के आसपास के प्रदेश पर राज्य करता था । विशेष— हरिवंश पुराण में लिखा गया है कि नागों की भगिनी नर्मदा के साथ इसने विवाह किया था । नागों और नर्मदा के कहने से पुरुकुत्स ने रसातल में जाकर मौनेय गंधर्वों का नाश किया था । ऋग्वेद में भी पुरुकुत्स का नाम आया है । उसमें लिखा है कि दस्युनगर का ध्वंस करने में इंद्र ने राजा पुरुकुत्स की सहायता की थी । (१ । ६३ । ७; १ । ११२ । १७) ।