पूतना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]पूतना संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. एक दानवी जो कंस के भेजने से बालक श्रीकृष्ण को मारने के लिये गोकुल आई थी । विशेष—इसने अपने स्तनों पर इसलिये विष लगा लिया था कि श्रीकृष्ण दूध पीकर उसके प्रभाव से मर जाँय । परंतु कथा है कि श्रीकृष्ण पर विष का तो कुछ प्रभाव न पड़ा उलटे उन्होंने इसका सारा रक्त चूसकर इसी को मार डाला । यह भी कथा है कि मरने के समय इतने बहुत लंबा चौड़ा शरीर धारण कर लिया था और जितनी दूर में वह गिरी उतनी दूर की जमीन धँस गई थी । बकासुर, वत्सासुर, और अधासुर नाम के इसे तीन भाई थे ।
२. सुश्रुत के अनुसार एक बालग्रह या बालरोग ।