पूर्ति
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हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
पूर्ति संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. किसी आरंभ किए हुए कार्य की समाप्ति ।
२. पूर्णता । पूरापन ।
३. किसी कार्य में अपेक्षित वस्तु की प्रस्तुति । किसी काम में जो वस्तु चाहिए उसकी कमी को पूरा करने की क्रिया ।
४. वापी, कूप, या तड़ाग आदि का उत्सर्ग ।
५. भरने का भाव । पूरण ।
६. गुणा करने का भाव । गुणन ।