पेचकश
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
पेचकश संज्ञा पुं॰ [फा़॰]
१. बढ़इयों और लोहारों आदि का वह औजार जिससे वे लोग पेच (स्क्रू) जड़ते अथवा निकालते हैं । विशेष—यह आगे से चपटा और कुछ नुकीला लोहा होता है जिसके पिछले भाग में पकड़ने के लिये दस्ता जड़ा रहता है ।
२. लोहे का बना हुआ वह घुमावदार पेच जिसकी सहायता से बोतल का काग निकाला जाता है । विशेष—इसे पहले घुमाते दुए काग में धँसाते हैं और जब वह कुछ अंदर चला जाता है तब ऊपर की ओर खींचते हैं जिससे काग बोतल के बाहर निकल आता है ।