पेला

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पेला ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ पेलना]

१. तकरार । झगड़ा । उ॰—कहा कहत तुमसौं मैं ग्वारिनि ।......लीन्हैं फिरति रूप त्रिभुवन को ऐ नोंखी बनजारिनि । पेला करति देत नहिं नीके तुम हो बड़ी बँजारिनि । सूरदास ऐसो गथ जाके ताके बुद्धि पसारिनि ।—सूर (शब्द॰)

२. अपराध । कसूर ।

३. आक्रमण । धावा । चढ़ाई । उ॰—करयौ गढ़ा कोटा पर पेला । जहाँ सुनै छत्रसाल बुँदेला ।—लाल (शब्द॰)

४. पेलने की क्रिया या भाव ।

पेला ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] एक प्रकार का बाघ [को॰] ।