पैज

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पैज पु ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ प्रतिजञा > प्रतिज्ञा, प्रा॰ पतिञ्ञा, अप॰ पइज्जाँ]

१. प्रतिज्ञा । प्रण । टेक । हठ । उ॰—(क) पैज करी हनुमान निशाचर मारि सीय सुधि लाऊँ ।—सूर (शब्द॰) । (ख) पैज करि कही हरि तोहि उबारौं ।—सूर (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—करना ।—बाँधना ।

२. प्रतिद्वंद्विता । होड़ । किसी के विरोध में किया हुआ हठ । रीस । लागडाठ । जिद । जैसे,—कुछ नहीं वह मेरी पैज से वहाँ जा रहा है । मुहा॰—पेज पड़ जाना = प्रतिद्वंद्विता हो जाना । चखाचखी हो जाना । लागडाट हो जाना ।

पैज ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ पद्य, प्रा॰ पज्ज] पेतरा । क्रि॰ प्र॰—करना ।