पैरना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पैरना ^१ क्रि॰ अ॰ [सं॰ प्लवन, प्रा॰ पवण, हिं॰ पौड़ना] तैरना । पानी के ऊपर हाथ पैर चलाते हुए जाना । उ॰—(क) पैरत थाके केसवा सूझ वार न पार ।—संतवाणी॰, पृ॰ ९६ । (ख) पैरवार दृग ललन के पैर न पावत पार ।—स॰ सप्तक पृ॰ ३५३ । संयो॰ क्रि॰—जाना । मुहा॰—पैरा हुआ = पारंगत । दक्ष । निपुण ।

पैरना † ^२ क्रि॰ स॰ [हिं॰ पहिरना] दे॰ 'पहनना' । उ॰—हरे रंग की अँगिया जो पैरे, जाइ रीझै लंबरदार ।—पोद्दार अभि॰ ग्रं॰ पृ॰ ८७७ ।