पोथी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पोथी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ पुस्तिका, प्रा॰ पोत्थिया] पुस्तकः । उ॰— पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ पंडित भया न कोइ । एकै अक्षर प्रेम का पढै़ सो पंडित होइ ।—कबीर (शब्द॰) । यौ॰—पोथीखाना = ग्रंथागार । पुस्तकालय । जिस स्थान पर सिर्फ किताबें रखी जायँ । उ॰—बड़ी कठिनाइयों के बाद राज्य पुस्तकालय के पोथीखाना में सूरसागर की एक प्रति दो खंडों में मिली—पोद्दार अभि॰ ग्रं॰, पृ॰ १२० । पोथी पंडित = ऐसा पठित व्यक्ति जिसे केवल पुस्तकीय ज्ञान हो, व्यावहारिक ज्ञान न हो । उ॰—पुराने आचार्यों से इस प्रकार का विनोद कोई बडा़ उस्ताद ही कर सकता था, निरा पोथीपंडित कभी ऐसा करने की हिम्मत न करता ।—भा॰ इ॰ रू॰, पृ॰ ६८८ ।

पोथी ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ पोट (= गट्ठा)] लहसुन की गाँठ ।