पौली

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पौली संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ पाव, पाउ + ली (प्रत्य॰)]

१. पैर का वह भाग जो खडे़ होने पर जमीन से आड़ा लगा रहता है एड़ी से लेकर उँगलीयों तक का भाग । उतना पैर जितने में जूता, खड़ाऊँ आदि पहनते हैं ।

२. पैर का निशान जो धूल, गीली मिट्टी आदि पर पड़ जाता है । पदचिह्न ।