प्यंड पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ पिण्ड] दे॰ 'पिंड' । उ॰—प्यंड ब्रह्मंड कथै सब कोई । वाकै आदि अरु अंत न होई ।—कबीर ग्रं॰, पृ॰ १४९ ।