प्यार

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

प्यार ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ प्रीति, प्रिय अथवा प्रियक]

१. मुहब्बत । प्रेम । चाह । स्नेह ।

२. वह स्पर्श, चुंबन, संबोधन आदि जिससे प्रेम सूचित हो । प्यार जनाने की क्रिया । जैसे, बच्चों को प्यार करना । मुहा॰—प्यार का खेलौना = बालक शिशु । बच्चा । उ॰— प्यार कर प्यार के खेलौने को, कौन दिल में पुलक नहीं छाई ।—चोखे॰, पृ॰ १३ ।

अनुवाद

प्यार ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ पियाल] अचार या पियार नाम का वृक्ष जिसका बीज चिरौंजी है । यौ॰—प्यार मेवा = पियाल मेवा । चिरौंजी ।