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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]प्रकाशित वि॰ [सं॰]
१. जिसमें से प्रकाशं निकल रहा हो । चमकता हुआ । उ॰— यह रतन दीप हरि प्रेम की सदा प्रकाशित जग रहै ।—भारतेंदु ग्रं॰, पृ॰ ४६३ ।
२. जिसपर प्रकाश पड़ रहा हो । चमकता हुआ ।
३. जो प्रकाश में आ चुका हो । विज्ञापित । प्रकट । जैसे,—यह पुस्तक हाल हो में प्रकाशित हई है ।