प्रक्षिप्त
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
प्रक्षिप्त संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. फेंका हुआ ।
२. डाला हुआ । अंदर या भीतर छोड़ा हुआ (को॰) ।
३. जोड़ा या मिलाया हुआ । (को॰) ।
४. ऊपर से बढ़ाया हुआ । पीछे से मिलाया हुआ । जैसे,—(क) रामायण में लवकुश कांड प्रक्षिप्त है । (ख) इस पुस्तक में एक प्रकरण प्रक्षिप्त है ।