प्रजापति

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

प्रजापति ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. सृष्टि को उत्पन्न करनेवाला । वह जिसने सृष्टि उत्पन्न की है । सृष्टिकर्ता । विशेष—वेदों और उपनिषदों से लेकर पुराणों तक में प्रजापति के संबंध में अनेक प्रकार कथाएँ प्रचलित हैं । वैदिक काल में प्रजापति एक वैदिक देवता थे और वे ब्रह्मा के पुत्र तथा सृष्टिकर्ता माने जाते थे । तैत्तिरीय ब्राह्मण में लिखा है कि ब्रह्मा के पुत्र प्रजापति सृष्टि को उत्पन्न करने के उपरांत माया के वश में होकर भिन्न भिन्न शरीरों में बँध गए थे और देवताओं ने एक अश्वमेध यज्ञ करके उन्हें शरीरों से मुक्त किया था । ऐतरेय ब्राह्मण में लिखा है कि प्रजापति ने अपनी उषा नाम की कन्या के साथ संभोग किया था जिससे मृग नक्षत्र की उत्पत्ति हुई थी और वे स्वयं तथा उषा दोनों मिलकर रोहणी नामक नक्षत्र के रूप में परिवतर्ति हो गए थे । छांदोग्य उपनिषद् में लिखा है की इंद्र ने प्रजापति से सुक्ष्म आत्मज्ञान तथा वैरोचन ने स्थूल आत्मज्ञान प्राप्त किया था । पुरुषमेध यज्ञ में प्रजापति के आगे पुरुष की बलि दी जाती है । पुराणों में ब्रह्मा के पुत्र अनेक प्रजापतियों का उल्लेख है । कहीं ये दस प्रजापति कहे गए हैं—(१) मरीचि । (२) अत्रि । (३) अंगिरा । (४) पुलस्त्य । (५) पुलह । (६) क्रतु । (७) प्रचेता । (८) वशिष्ठ । (९) भृगु । (१०) नारद । और कहीं इन इक्कीस प्रजापतियों का उल्लेख है । (१) ब्रह्मा । (२) सूर्य । (३) मनु । (४) दक्ष । (५) भृगु । (६) धर्मराज । (७) यमराज । (८) मरीचि । (९) अंगिरा । (१०) अत्रि । (११) पुलस्त्य । (१२) पुलह । (१३) क्रतु । (१४) वशिष्ठ । (१५) परमेष्ठी । (१६) विवस्वान् । (१७) सोम । (१८) कर्दम । (१९) क्रोध । (२०) अर्वाक और (२१) क्रीत ।

२. ब्रह्मा ।

३. मनु ।

४. राजा ।

५. सूर्य ।

६. अग्नि । आग ।

७. विश्वकर्मा ।

८. पिता । बाप ।

९. घर का मालिक या बड़ा । वह जो परिवार का पालन पोषण करता हो ।

१०. एक तारा ।

११. जामाता । दामाद ।

१२. एक प्रकार का यज्ञ ।

१३. साठ संवत्सरों में से पाँचवाँ संवत्सर ।

१४. विष्णु का एक नाम (को॰) ।

१५. आठ प्रकार के विवाहों में से एक प्रकार का विवाह । विशेष—दे॰ 'प्राजापत्य' ।

१६. लिंगेंद्रिय ।

प्रजापति ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] गौतम बुद्ध को पालनेनवाली गौतमी का नाम ।