प्रतिमुख

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

प्रतिमुख ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. नाटक की पाँच अंगसंधियों में से एक जिसमें विलास, परिसर्प नर्म (परिहास), प्रगमन, विरोध, पर्युपासन, पुष्प, वज्र, उपन्यास और वर्णसंहा र आदि का वर्णन होता है ।

२. किसी चीज का पीछे का भाग ।

३. प्रश्न का उत्तर (को॰) ।

प्रतिमुख ^२ वि॰

१. सामने खड़ा हुआ । संमुख उपस्थित ।

२. नज- दीक । निकटस्थ । समीप [को॰] ।