प्रतिहार
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
प्रतिहार संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. द्वारपाल । दरवान । ड्योढ़ीदार । उ॰— प्राण ! प्रतीक्षा में प्रकाश औ, प्रेम बने प्रतिहार ।— युगवाणी, पृ॰ ६१ । यौ॰— प्रतिहारभूमि = वह स्थान जहाँ प्रतिहार बैठता है । ड्योढ़ी । प्रतिहाररक्षी = द्वाररक्षिका । प्रतिहारी ।
२. द्वार । दरवाजा । ड्योढ़ी ।
३. प्राचीन काल का एक राज- कर्मचारी जो सदा राजाओं के पास रहा करता था और जो राजाओं को सब प्रकार के समाचार आदि सुनाया करता था । बहुधा पढे़ लिखे ब्राह्मण या राजवंश के लाज इस पद पर नियुक्त किए जाते थे ।
३. चोबदार । नकीब ।
५. सामेवद गान का एक अंग ।
६. मायावी । ऐंद्रजालिक । बाजीगर ।
७. एक प्रकार की संधि । दे॰ 'प्रतीहार—२' ।
८. इंद्रजाल । बाजीगरी (को॰) ।
९. हटाना । पीछे करना । निवारण करना (को॰) ।
१०. पुराण के अनुसार परमेष्ठी के पुत्र (को॰) ।