प्रत्ययवाद
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]प्रत्ययवाद संज्ञा पुं॰ [सं॰ प्रत्यय + वाद] एक दार्शनिक सिद्धांत जिसमें यह माना जाता है कि हमारा समस्त ज्ञान विचारों से उत्पन्न है, भौतिक जगत् के पदार्थों से नहीं । आइडिय- लिज्म । उ॰— यह इशारा जर्मन दार्शनिकों के प्रत्ययवाद से मिला जिसके प्रवर्तक कांट थे ।— चिंतामणि, भा॰ २, पृ॰ ७९ ।