प्रत्याहार

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

प्रत्याहार संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. योग के आठ अंगों में से एक अंग जिसमें इंद्रियों को उनेक विषयों से हटाकर चित्त का अनुसरण किया जाता है । जैसे, यदि आँखें किसी सुंदर रूप पर बुरे भाव से जा पडें तो उन्हें वहाँ से हटाकर अपने चित्त को शांत करना । इसका अभ्यास बहुत ही कठिन माना जाता है । इंद्रियनिग्रह । उ॰— प्रत्याहार धारना ध्यानं, लै समाधि लावै ठिकठौना ।— सुंदर ग्रं॰, भा २, पृ॰ ८६२ ।

२. प्रलय । सृष्टि का विनाश (को॰) ।

३. हटाना । पीछे करना (को॰) ।

४. संक्षेप । सारसंग्रह (को॰) ।

५. निग्रह करना । निग्रहण (को॰) ।

६. व्याकरण में विभिन्न वर्ण- समूह को अभीप्सित रूप से संक्षेप में ग्रहण करने की पद्धति या संकेत । जैसे, 'अण्' से अ इ उ और अच् से समग्र स्वर वर्ण— अ, इ, उ, ऋ, लृ, ओ और औ, इत्यादि ।