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प्रथमा

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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प्रथमा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. मदिरा । शराब । (तांत्रिक) । उ॰— (क) कृष्णदेव बलदेव सुज्ञानी । प्रथमा पिवत सदा ज्यों पानी ।—निश्चल (शब्द॰) । (ख) सकल पिए प्रथमा मतिवारे । पूजन शक्ति मगन मन सारे ।—निश्चल (शब्द॰) ।

२. व्याकरण का कर्ता कराक ।