प्रदर
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]प्रदर संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. स्त्रियों का एक रोग जिसमें उनके गर्भाशय से सफेद या लाल रंग का लसदार पानी सा बहता है, जिसमें कभी कभी दुर्गंध भी होती है । विशेष— इसमें रोगी स्त्री को वेदना होती है उसका शरीर दिन पर दिन सूखता जाता है । जिसमें स्राव सफेद रंग का होता है उसे श्वेत और जिसमें लाल रंग का होता है उसे रक्त प्रदर कहते हैं । वैद्यक के अनुसार यह रोग मद्यपान, गर्भपात, अदिक मैथुल, शोक, उपवास आदि के कारण होता है । यह रोग प्रायः संतान उत्पन्न होने के उपरांत हुआ करता है ।
२. बाण । तीर ।
२. फोड़ने या तोड़ने का भाव ।
४. छिद्र । संध । दरार (को॰) ।
५. सेना का इतस्ततः होना । सेना का अस्तव्यस्त होना (को॰) ।