प्रपात

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

प्रपात संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. पहाड़ या चट्टान का ऐसा किनारा जिसके नीचे कोई रोक न हो । खड़ा किनारा जहाँ से गिरने पर कोई वस्तु बीच में न रुक सके । भृगु । अतट ।

२. एक प्रकार की उड़ान ।

३. एकबारगी नीचे गिरना ।

४. ऊँचे से गिरती हुई जलधारा । निर्झर । झरना । दरी ।

५. एकाएक । हमला । आकस्मिक आकम्रण (को॰) ।

६. किनारा । तट (को॰) ।