प्रभंजन

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

प्रभंजन ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ प्रभञ्जन]

१. तोड़ फोड़ । उखाड़ पखाड़ । नाश । उ॰—त्रिविधि प्रभंजन चलि सुरभि करत प्रभंजन धीर । तन मन गंजन अलि प्रभुत बिन मनरंजन बीर ।—स॰ सप्तक, पृ॰ २५० ।

२. प्रचंड वायु । महावात । आँधी ।

३. हवा । वायु । उ॰—त्रिविध प्रभंजन चलि सुरभि करत प्रभंजन धीर ।—स॰ सप्तक, पृ॰ २५० । यौ॰—प्रभंजनसुत = हनुमान ।

४. मणिपुर का राजा (महाभारत) ।

प्रभंजन ^२ वि॰ नष्ट करनेवाला । तोड़फोड़ करनेवाला [को॰] ।