प्रभाव
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]प्रभाव संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. उद्भव । प्रादुर्भाव ।
२. सामर्थ्य । शक्ति । कोई बात पैदा कर देने की ताकत । असर । जैसे,— मंत्र का बडा़ प्रभाव है । उ॰—सुखदेव कह्यो सुनो हो राव । जैसो है हरिभक्ति प्रभाव ।—सूर (शब्द॰) ।
३. महिमा । माहात्म्य ।
४. इतना मान या अधिकार कि जो बात चाहे कर या करा सके । साख या दबाव । जैसे,—राजा के दरबार में उसका बहुत कुछ प्रभाव है ।
५. अंतःकरण को किसी ओर प्रवृत्त करने का गुण ।
६. प्रवृत्ति पर होनेवाला फल या परिणाम । असर । जैसे,—उसपर शिक्षा का कुछ प्रभाव नहीं पडा़ । क्रि॰ प्र॰—डालना ।—पड़ना ।—जमना ।
७. मार्कडेय पुराण में वर्णित स्वरोचिष मनु के एक पुत्र जो कलावती के गर्भ से उत्पन्न थे ।
८. प्रभा के गर्भ से उत्पन्न सूर्य के एक पुत्र ।
९. सुग्रीव के एक मंत्री का नाम ।
१०. कोष और दंड से उत्पन्न राजतेज । प्रताप (को॰) ।
११. विस्तार (को॰) ।