प्रमाथ

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

प्रमाथ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. मथन ।

२. दःख देना । पीड़न ।

३. किसी स्त्री से उसकी इच्छा के विरुद्ध संभोग ।

४. मर्दन । नाश करना । मारना ।

५. प्रतिद्धद्धी को भुमि पर पटककर उसपर चढ़ बैठाना और घस्सा देना ।

६. बलपूर्वक हरण । छीन सखोट ।

७. महाभारत के अनुसार घृतराष्ट्र के एक पुत्र का नाम ।

८. शिव के एक गण का नाम ।

९. स्कंद के अनुचर का नाम ।