प्रस

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

प्रस पु † संज्ञा पुं॰ [सं॰ स्पर्श, हिं॰ परस] दे॰ 'स्पर्श' । उ॰— कूच विहांणे ऊगणे, सोच घणे गढ़ कोट । उरै समंदा देस प्रस, जथा गिरंदा ओट ।—रा॰ रू॰, पृ॰ १५६ ।