प्रस्थ
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
प्रस्थ ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. पहाड़ के ऊपर की चौरस भूमि । अधि- त्यका । टेबुललैंड ।
२. वह मैदान जो बराबर या समतल हो ।
३. प्राचीन काल का एक मान । विशेष—यह दो प्रकार का होता था, एक तौलने का, दूसरा मापने का । इसके मान में मतभेद है, कोई चार कुडव का प्रस्थ मानते हैं कोई दो शराब का । बहुतों के मत से एक आढ़क का चतुर्थांश प्रस्थ होता है । वमन, विरेचन और शोणितमोक्षण में साढ़े तेरह पल का प्रस्थ माना जाता है । कुछ लोग इसे छह पल का और कुछ लोग द्रोण का षोडशांश मानते हैं ।
४. पहाड़ों का ऊँचा किनारा ।
५. वह भाग जो ऊपर बहुत उठा हो ।
६. विस्तार ।
७. कोई जो एक जो एक प्रस्थ मान की हो [को॰] ।
प्रस्थ ^२ वि॰
१. जानेवाला । यात्रा करनेवाला ।
२. फैलानेवाला ।
३. प्रकृष्ट रूप से स्थित । दृढ़ (को॰) ।