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प्रस्थान

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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प्रस्थान संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. गमन । यात्रा । रवानगी ।

२. विजय के लिये सेना या राजा की यात्रा । कूच ।

३. पहनने के कपड़ें आदि जिसे लोग यात्रा के मुहूत पर घर से निकालकर यात्रा की दिशा में कहीं पर रखवा देते हैं । उ॰—तिथी नखत्त गुरुवार कहीजै । सुदिन साधि प्रस्थान धरीजै ।—जायसी (शब्द॰) । विशेष—यह ऐसी दशा में किया जाता है जब कोई ठीक मुहूर्त पर यात्रा नहीं कर सकता । क्रि॰ प्र॰—धरना ।—रखना । करना ।

४. मार्ग ।

५. उपदेश की पद्धति या उपाय ।

६. बैखरी बानी के भेद जो अठारह हैं, यथा—४ वेद, ४उपवेद, ६वेदांग, पुराण, न्याय, मीमांसा और धर्मशास्त्र ।

७. मरण । मृत्यु (को॰) ।

८. प्रेषण । भेजना (को॰) ।

९. विधि । ढंग । तरीका (को॰) ।

१०. निम्न श्रेणी का नाटक (को॰) ।

११. धार्मिक निकाय । धार्मिक संप्रदाय (को॰) ।

१२. आगमन । आना (को॰) ।