प्रस्रवण

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

प्रस्रवण संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. जल आदि (द्रव पदार्थों) का टपक टपककर या गिर गिरकर बहना ।

२. किसी स्थान से निकल निकलकर बहता हुआ पानी । सोता ।

३. किसी स्थान से गिरकर बहता हुआ पानी । प्रपात । झरना । निर्झर ।

४. पसीना ।

५. स्तनों से टपकता हुआ दूध ।

६. माल्यवान् पर्वत ।

७. पेशाब करना (को॰) ।

८. झरने के जल से बना हुआ कुंड (को॰) ।