प्रहरण
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]प्रहरण संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. हरना । हरण करना । छीनना ।
२. अस्त्र । उ॰—और प्रहरणों से प्रभुवर के रण में रिपु गण मरते थे ।—साकेत, पृ॰ ३७९ ।
३. युद्ध ।
४. प्रहार । वार ।
५. मारना । आघात पहुँचाना ।
६. फेकना ।
७. हटाना । दूर करना ।
८. स्त्रियों की सवारी के लिये एक प्रकार का परदेवाला रथ । बहली ।
९. गाड़ी में बैठने की जगह ।
१०. मृदंग के बारह प्रबंधों में एक ।