प्राकार

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

प्राकार संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. वह दीवार जो नगर, किले आदि की रक्षा के लिये उनके चारों ओर बनाई जाती है । परकोटा । कोट । चहारदीवारी । पर्या॰—वरण । वप्र । शाल । साल ।

२. घेरा । बाड़ ।