प्राकार संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. वह दीवार जो नगर, किले आदि की रक्षा के लिये उनके चारों ओर बनाई जाती है । परकोटा । कोट । चहारदीवारी । पर्या॰—वरण । वप्र । शाल । साल । २. घेरा । बाड़ ।