प्राचीनावीत

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

प्राचीनावीत संज्ञा पुं॰ [सं॰] यज्ञोपवीत धारण करने का एक प्रकार जिसमें बायाँ हाथ यज्ञोपवीत से बाहर रहता और यज्ञोपवीत दाहिने कंधे पर रहता है । यह उपवीत का उलटा है । इस प्रकार का यज्ञोपवीत पितृकार्य में धारण किया जाता है । पितृसव्य । सव्य ।