प्रार्थना
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]प्रार्थना ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. किसी से कुछ माँगना । याचना । चाहना । जैसे,—मैने उनसे एक पुस्तक के लिये प्रार्थना की थी ।
२. किसी से नम्रतापूर्वक कुछ कहना । विनती । विनय । निवेदन । जैसे,—मेरी प्रार्थना है कि अब आप यह झगड़ा मिटा दें ।
३. इच्छा । आकांक्षा । स्पृहा (को॰) ।
४. तंत्रसार के अनुसार एक मुद्रा का नाम । विशेष— इस मुद्रा में दोंनों हाथों के पंजों की उँगलियों को फैलाकर एक दूसरे पर इस प्रकार रखते हैं कि दोनों हाथों की उँगलियाँ यथाक्रम एक दूसरे के ऊपर रहती हैं । इस प्रकार हाथ जोड़कर उंगलियों की सीधे और सामने की ओर करके हृदय के पास ले जाते हैं और वहाँ इस प्रकार रखते हैं कि दोनों कलाई की संधि छाती के संधिमध्य में रहती है ।
प्रार्थना पु ^२ क्रि॰ सं॰ [सं॰ प्रार्थना] प्रार्थना करना । विनती करना । उ॰— हरिबल्लभ सब प्रार्थना जिन चरण रेणु आशा धरी ।— नाभादास (शब्द॰) ।