प्लैटिनम

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

प्लैटिनम संज्ञा पुं॰ [अं॰] चाँदी के रंग की एक प्रसिद्ध बहुमूल्य धातु जो अठारहवीं शताब्दी के मध्य में दक्षिण अमेरिका से युरोप गई थी । विशेष—यह धातु शुद्ध रूप में नहीं पाई जाती और इसमें कई धातुओं का कुछ न कुछ मेल रहता है । यह प्रायः सब धातुओं से अधिक भारी होती है और इसके पत्तर पीटे या तार खींचे जा सकते हैं । यह आग से नहीं पिघल सकती, बिजली अथवा कुछ रासायनिक क्रियाओं की सहायता से गलाई जाती है । इसमें मोरचा नहीं लगता और न इसपर तेजाबों आदि का कोई प्रभाव होता है । इसी लिये बिजली के तथा और अनेक रासायनिक कार्यों में इसका व्यवहार होता है । रूस में कुछ दिनों तक इसके सिक्के भी चलते थे । दक्षिण अमेरिका के अतिरिक्त यह युराल पर्वत तथा बोर्नियो द्बीप में भी पाई जाती है ।