फँटना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

फँटना क्रि॰ स॰ [सं॰ पिष्ट, प्रा॰, पिट्ठ + ना (प्रत्य॰) या हि॰ फेंद से नामिक धातु]

१. गाढे द्रव पदार्थ को उँगली घुमा घुमाकर हिलाना । लेप या लेई की तरह चीज को हाथ या उँगली से मथना । जैस, पीठी फेंटना, बेसन फेंटना, तेल फेंटना । संयो॰ क्रि॰—देना ।—लेना ।

२. उँगली से हिलाकर खूब मिलाना । जैसे,—इस बुकनी को शहद में फेटकर चाट जाओ ।

३. गड़डी के तासों को उलट पलटकर अच्छी तरह मिलाना । जैसे,— ताश फेंटना ।