फँधाना पु क्रि॰ अ॰ [हि॰ फंदना] दे॰ 'फँदना' । उ॰— कृपन जु गृह ममता करि बँधे । चलि न सकता दृढ़ फंदनि फँधे ।— नंद॰, ग्रं॰, पृ॰ २४४ ।