फक्किका संज्ञा स्त्री॰ [अ॰] १. ग्रंथ का वह अंश जो शास्त्रार्थ, गूढ़ व्याख्या में दुरूह स्थल को स्पष्ट करने के लिये कहा जाय । कूट प्रश्न । २. अनुचित व्यवहार । ३. धोखीबाजी ।