फंक † संज्ञा स्त्री॰ [हि॰ फाँक] दे॰ 'फाँक' । उ॰— सिद्ध सो समृद् ध पाय सिद्ध से आधाय रहे केते परसिद्ध सब अंगन की करै फंक ।—गोपाल (शब्द॰) ।