फजीहत

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

फजीहत संज्ञा स्त्री॰ [अ॰] दुर्दशा । दुर्गति । अपमान । बदनामी । उ॰—(क) तुलसी परिहरि हरिहरहिं पाँवर पूजहिं भूत । अंत फजीहत होहिंगे गनिका के से पुत ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) साईँ नदी समुद्र को मिली बड़प्पन जानि । जाति नसायो मिलत ही मान महत की हानि । मान महत की हानि, कह ो अब कैसे कीजै । जल खारी ह्वै गयो ताहि कहो कैसे पीजै । कह गरिधर कविराय कच्छ ओ मच्छ सकुचाई । बड़ी फजीहत होय तबौ नदियन की साई ।—गिरघर (शब्द॰) ।