फटकाना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]फटकाना † ^१ क्रि॰ स॰ [हिं॰ फटकना]
१. अलग करना ।
२. फेंकना । उ॰—(क) आपुन चढ़े कदम पर धाई ।....जाइ कहौ मैया के आगैं लेहु सबै मिलि मोहि बँधाई । मौकौं जुरि मारन जब आई तब दीन्ही गेंड़ रि फटकाई ।—सूर॰, १० । १४१८ । (ख) काहू की गगरी ढरकावै । काहू की इँडुरी फटकावै ।—सूर, १० । १३९९ ।
फटकाना † ^२ क्रि॰ स॰ [हिं॰ फटकना का प्रेरणार्थक रूप] फटकने का काम दूसरे से कराना ।