फटिक
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]फटिक संज्ञा पुं॰ [सं॰ स्फटिक, पा॰ फटिक]
१. काँच की तरह सफेद रंग का पारदर्शक पत्थर । बिल्लौर । विशेष—दे॰ 'स्फटिक' । उ॰—(क) सुंदर मनोहर मंदिरायत अजिर रुचिर फटिक रचे ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) ऐसे कहुत गए अपने पुर सवहि विलक्षण देख्यो । मणिमय महल फटिक गोपुर लाखि, कनक भूमि अवरेख्यो ।—सूर (शब्द॰) ।
२. मरमर पत्थर । संग मरमर । यौ॰—फटिकशिला, फटिकसिला=स्फटिक की शिला । उ॰— (क) जों गज फटिकशिला में देखत दसनन जाय अरत । जो तू सूर सुखहि चाहत है तो क्यों विषय परत ।—सूर (शब्द॰) । (ख) फटिकसिला बैठे द्वै भाई ।—मानस, ५ । २९ ।