फणाल पु वि॰ [सं॰ फण + हिं॰ आल (प्रत्य॰)] फणावाली । उ॰—सहस फणालइ काल भूयंग, जीमण थी उतरउ वामेइ अंग ।—बी॰ रासो, पृ॰ ५९ ।