फतै

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

फतै पु † संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ फत् ह] दे॰ 'फतह' । उ॰—जीत लीधी जमी कठैथी जेणरी; पराजै हुई नँह फतै पाई ।—रघु॰ रू॰, पृ॰ ३१ ।