फदकना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

फदकना क्रि॰ अ॰ [अनु॰]

१. फद फद शब्द करना । भात, रस आदि का पकने समय फद फद शब्द करेक उछलना । खदबद करना ।

२. दे॰ 'फुदकना' । उ॰—फूले फदकत लै फरी पल कठाछ करवार । करत बचावत बिय नयन पायक घाव हजार ।—बिहारी (शब्द॰) ।

३. स्पंदित होना । लहराना । तरंगित होना । छलकना । उ॰—गऊ पद माँही पहौकर फदके, दादर मर्रय झिलारै । चत्रिग मैं चौमासौ बोलौ, ऐसा समा हमारे ।—गोरख॰, पृ॰ २११ ।

फदकना क्रि॰ अ॰ [अनु॰]

१. उछल उछलकर कूदना । उछलना ।

२. हर्ष से फूल जाना । उमंग में आना । फूले न समाना ।