फनिंग संज्ञा पुं॰ [सं॰ फणीन्द्र, हिं॰ फन + इंग (प्रत्य॰)] साँप । उ॰—दान लैहों सब अंगनि को । अति मद गलित ताल फल ते गुरु इन युग उरोज उरंगनवि को ।...कोकिल कीर कपोत किसलता हाटक हंस फनिंगन को ।—सूर (शब्द॰) ।