फनिंद पु † संज्ञा पुं॰ [सं॰ फणीन्द्र] सर्प । फणीद्र । उ॰—फैले बृंद फनिंद कै गैल छैल नहिं भूल । मेघ पुंज तम कुंज कौ चली अली अनुकूल ।—स॰ सप्तक, पृ॰ ३९१ ।