फन्दना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]फंदना पु ^१ क्रि॰ अ॰ [सं॰ बन्धन वा हिं॰ फंदा] फंदे में पड़ना । फँसना । उ॰—(क) आस आस जग फंदियों रहै उरध लपटाय । राम आस पूरन करे सकल आस मिट जाय ।— कबीर (शब्द॰) । (ख) मोको निंदि पर्वतहि बंदत । चारौ कपट पंछि ज्यों फंदत ।—सूर (शब्द॰) ।
फंदना ^२ क्रि॰ सं॰ [हि॰ फाँदना] फाँदना । लाँघना । उल्लंघन करना ।