फरकन
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]फरकन संज्ञा पुं॰ [हिं॰ फरकना]
१. फड़कने का भाव । दे॰ 'फड़क' । उ॰—अँग फरकन अरु अरुनई इत्यादिक अनुभाव । गर्व असूथा उग्रता तहँ संचारी नाँव ।—पद्माकर (शब्द॰) ।
२. फरकने की क्रिया । फड़क । उ॰—एरे बाम नैन मेरे एरे भुज बाम आज रोरे फरकन ते जो बालम निहारिहौं ।—मतिराम (शब्द॰) ।