फरकी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

फरकी † संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ फरक]

१. बाँस की पतली तीली जिसमें लासा लगाकर चिड़ीमार चिड़िया फँसाते हैं ।

२. वह बड़ा पत्थर जो दीवारों की चुनाई में दूर दूर पर खड़े बल में लगाया जाता है ।