फरफर
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]फरफर ^१ संज्ञा पुं॰ [अनु॰] किसी पदार्थ के उड़ने या फड़कने से उत्पन्न शब्द । उ॰—(क) लग्गिय तुरंगान थरथरा । नथुनान लग्गिय फरफरा ।—सूदन (शब्द॰) । (ख) फहर रहे थे केतु उच्च अट्टें पर फर फर ।—साकेत, पृ॰ ४१० ।
फरफर ^२ क्रि॰ वि॰ [अनुध्व॰] बिना रुके हुए । तेजी से । बिना बाधा के । उ॰—(क) देवता शुद्ध हिंदी फरफर बोल रहा था ।—किन्नर॰, पृ॰ १०६ । (ख) मेरे जैसै वेशभूषा के आदमी को फरफर ल्हासा की नागरिक भाषा में बात करते देखकर पहले आश्चर्य हुआ ।—किन्नर॰, पृ॰ ४० ।